भोपाल में धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू, इरफान अपनाएंगे हिंदू धर्म
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जहांगीराबाद के रहने वाले मुस्लिम युवक इरफान खान ने हिंदू धर्म अपनाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने इस संबंध में भोपाल कलेक्टर के ऑफिस में अर्जी लगाई है. वहीं उन्हें हिंदू धर्म दीक्षा दिलाने के लिए धर्माचार्य प्रमोद वर्मा शास्त्री और भागीरथ शास्त्री ने भी कलेक्टर ऑफिस में अर्जी लगाकर अनुमति मांगी है. 60 दिन के अंदर कलेक्टर इनकी अर्जियों पर विचार कर अनुमति देंगे. इसके बाद वैधानिक रूप से धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा.
27 वर्षीय इरफान खान ने अपनी अर्जी में बताया कि वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. वह बहुत दिन से इस्लाम छोड़ कर सनातन धर्म अपनाने की सोच रहे थे. इसी क्रम में उन्होंने धर्माचार्यों से संपर्क किया था. वहां से प्रक्रिया की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में अर्जी लगाई है. उन्होंने बताया कि वह स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं.
60 दिन में मिलेगी अनुमति
उन्होंने कलेक्टर से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द उन्हें धर्म परिवर्तन की अनुमति दें, जिससे कि वह अपने पूर्वजों की तरह ही अपने देवी देवताओं की पूजा पाठ कर सकें. इरफान के आग्रह पर ही धर्माचार्य प्रमोद वर्मा शास्त्री और भागीरथ शास्त्री ने भी कलेक्टर कार्यालय में अर्जी लगाई है. इसमें इन्होंने भी बताया कि इरफान स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाना चाहते हैं. इसलिए उन्हें दीक्षा देने में कोई हर्ज नहीं है. अब कलेक्टर इन अर्जियों पर विचार कर 60 दिन के अंदर अनुमति देंगे. इसके बाद आगे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा.
यह है प्रक्रिया
मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 के तहत कन्वर्जन सेरेमनी के लिए एक नियम बनाया गया है. इस नियम के तहत जिस किसी को भी धर्म परिवर्तन करना हो, उसे 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को लिखित तौर पर सूचित करना होता है. इस कानून की धारा 10- 01 में धर्म परिवर्तन करने वाले को घोषणा पत्र देना होता है, वहीं धारा 10- 02 के तहत धर्म परिवर्तन कराने वाले धर्माचार्यों को इस संबंध में घोषणा पत्र देना होता है. इन दोनों घोषणा पत्रों पर विचार करने के बाद कलेक्टर अनुमति देंगे. वहीं नियम का उल्लंघन करने पर 3 से 5 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की व्यवस्था है. वहीं सबकुछ नियमानुसार करने के बाद आखिर में शुद्धि प्रक्रिया होगी और फिर वह व्यक्ति नए धर्म के मुताबिक अपना नाम और सरनेम लगा सकता है.